@’बाल दिवस’@
तुम्हीं चन्द्रमा,तुम्हीं हो सूरज
तुम ही पवन सितारे हो ।
तुम्हीं समय, सुरक्षा प्यारे
भाग्य विधाता हमारे हो ।
तुम्हीं देश और वेश तुम्हीं हो,
तुम ही प्रान्त हमारे हो ।
तुम्हीं शहर और नगर तुम्हीं हो,
जन -जन रूप पधारे हो ।
गाँव तुम्हीं और बस्ती तुम्हीं हो,
तुम आँगन गलियारे हो ।
तुम अग्नि-आकाश-नाग हो,
पृथ्वी-ब्रह्मोस मिसाइल हो ।
तुम्हीं बम -बारूद तुम्हीं हो ,
तुम संकेत हमारे हो ।
तुम्हीं मशीनगन तुम्हीं मिसालें,
तुम सब यंत्र हमारे हो ।
आज तुम्हीं और कल भी तुम्हीं हो,
तुम ही भविष्य हमारे हो ।
तुम्हीं विकास भारत की ज्वाला,
पावन कर्म तुम्हारे हो ।
न कोई दुश्मन सभी सखा हो,
मानवता रखवाले हो ।
लाज रखोगे भारत माँ की,
मयंक अरमान हमारे हो ।
?के.आर.परमाल ‘मयंक’