बाल दिवस2
1
बच्चे ही हैं देश की,उन्नति के आधार
चाचा नेहरू का करें,स्वप्न सभी साकार
स्वप्न सभी साकार,बचायें इनका बचपन
इन्हें पढ़ाकर खूब,सँवारे इनका जीवन
रहे’अर्चना’याद,बड़े ये मन के सच्चे
ऊँचा जग में नाम,करेंगे ये ही बच्चे
2
बचपन मे अब खेलना, हुई पुरानी बात
बच्चों को भाने लगा, मोबाइल का साथ
मोबाइल का साथ,हाथ में उनके सजता
तरह तरह के खेल, खेलता उसमें रहता
मगर अर्चना देख , बहुत चिंतित रहता मन
हो इनसे गुमराह, खो रहा भोला बचपन
डॉ अर्चना गुप्ता
14-11-2017