बाल दिवस ” वही शिक्षक कहाता है”
बाल दिवस के उपलक्ष्य में
सादर संप्रेषित
वही शिक्षक कहाता है”
जगाता है अलख शिक्षा, वही शिक्षक कहाता है।
दिखाता है उचित राहें, सही शिक्षक कहाता है।।
सभी का ख्याल रखता है,
सभी को मानता बच्चा।
गढे कुम्हार बनकर वो,
बनाता है पुरुष सच्चा।।
न करता भेद तिल भर भी,सबक सबको सिखाता है।
जगाता है अलख शिक्षा, वही शिक्षक कहाता है।।
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सदा रत कर्म में रहता,
पढाता पाठ शिक्षा के।
यही है भाव बस उसका,
न मांगे दाम दीक्षा के।।
यही उसकी सहजता है, सभी पर वारि जाता है।
जगाता है अलख शिक्षा,वही शिक्षक कहाता है।।
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हमेशा भाव शुचिता के,
दिखाता प्यार बच्चों पर।
पिता के तुल्य ही होकर,
लुटाता प्यार बच्चों पर।।
लुटाना ही है’ गुण उसका,सभी पर कुछ लुटाता है।
जगाता है अलख शिक्षा,वही शिक्षक कहाता है।।
अटल मुरादाबादी
९६५०२९११०८