बाल दिवस पर विशेष
बचपन के दिन की यादें
प्यारी सी तोतली बातें
नही चाह थी न परवाह
खुशी भरी थी दिन व रातें।
आगे की परवाह न थी
न पछतातें बीती बातें
मस्त मगन थे खुशी हरतरफ
मजबूत थे रिश्ते नाते
लोभ द्वेष का पता न था
टूटे कंचे पर इतराते
प्रश्न बहुत थे बडी शरारत।
मात पिता को बहुत शताते ।
याद आ रहे बाल दिवस पर
ये प्यारी बचपन की बाते ।
बाल दिवस की शुभकामनाए
विन्ध्यप्रकाश मिश्र