बाल दिवस पर करो ओ बातें
बाल दिवस पर करो ओ बातें
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(1)
न सुबह का समय पता चलता,
न शाम का समय पता चलता।
थक कर जब स्कूल से आता ,
बस्ता छोड़ गली में खेलने जाता।
(2)
प्यारी माँ मेरी हाथ पैर धुलाती,
गोदी करके खाना मुझे खिलाती।
दीदी मुझको हर जगह घुमाती,
पढ़ना लिखना भी खूब सिखाती।
(3)
हम सबके मन का भाते ,
बीच – बीच में खूब हँसाते।
नैतिक ज्ञान से वह करता शुरू,
ऐसे मेरे भगवान शिवदयाल गुरु।
(4)
मत भूलो ओ बचपन की यादें,
बाल दिवस पर करो ओ बातें।
फैलाओ चारों ओर प्यार अमन,
माता पिता गुरु को करो नमन।
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रचनाकार डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”
पिपरभावना, बलौदाबाजार(छ.ग.)
मो. 8120587822