बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
कोमल कंधे बस्ता भारी,बचपन की कैसी लाचारी
डाल रहे हैं क्यों बच्चों पर,हम सब इतनी जिम्मेदारी
मोबाइल पर खेल खेलकर,बीत रही बचपन की पारी
नहीं पार्क में अब दिखती है,बच्चों की साझा किलकारी
होता है अपराध बालश्रम,मगर कर रही दुनिया सारी
मातापिता घर देखें कैसे,ऑफिस की है मारा मारी
नौकर पर परिवार पले जब,बच्चे कैसे हों संस्कारी
बच्चों पर सख्ती करनी है,लेकिन रखनी भी है यारी
सोच ‘अर्चना’ बच्चों के हित ,बाल दिवस की हो तैयारी
डॉ अर्चना गुप्ता