बाल दिवस का ओचित्य क्या है?
जहाँ बेबस माओं के आँचल से ,
मासूम बच्चे छीन कर मौत के हवाले कर दिए जाएँ.
जहाँ बेसुध माँ की कोख में ही ,
कन्या -भ्रूण को मिटा दिया जाये .
जहाँ नवजात शिशु सड़कों /गटरों / कचरे के डब्बों में ,
में अधमरी अवस्था में कचरा समझकर फेंक दिया जाये .
जहाँ मासूम /अबोध बालक/बालिकाओं के साथ ,
अश्लील दुराचार कर उनका बचपन और जीवन नष्ट कर दिया जाये.
फिर ऐसे में क्या लाभ बाल दिवस मनाने का ?
भला जिस भारत वर्ष में उसका भविष्य ही सुरक्षित व् सुखी नहीं ,
उस देश में क्या ओचित्य है बाल दिवस मनाने का ?