बाल गीत
क्षेत्रपाल शर्मा
बाल गीत
आसमान तो बहुत दूर है,
चंदा भी है छिपा हुआ
हवा करे मेघों से छिछोरी
सूरज की हो गई रे चोरी।।
आर्द्र हो गया वातायन
इगलू जैसा मेरा घर
कंबल में सब दुबके बैठे
आग से कोई बात न कर।।
सुरभि, घिरी रहे घर
बाहर कोरोना का डर
चार दिनों से एसी ठंड
सूरज किसके घर बंद।।
गली, खेलने तब जाएंगे
एक नया, सूरज लाएंगे।।
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