*बाल गीत (मेरा सहपाठी )*
बाल गीत (मेरा सहपाठी )
सहपाठी भोलाभाला है।
बहुत अधिक पढ़नेवाला है।।
पढ़ने में उसका मन लगता।
इधर उधर वह नहीं भटकता।।
वह सम्मान सभी का करता।
सबसे हिलमिल कर वह रहता।।
गुरु की आज्ञा का वह पालक।
अति मनमोहक सुन्दर बालक।।
मेरी मदद किया करता है।
सबके मन को वह हरता है।।
बड़े प्रेम से सबसे मिलता।
केवल वह है पढ़ता लिखता।।
साहित्यकार ऋतुराज वर्मा