*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )
मेरा प्यार कहाँ खो जाता।
चुप चुप रहता फिर सो जाता।।
बहुत याद उसकी आती है।
नींद हमारी भग जाती है।।
मेरे प्यारे मीत इधर आ।
साथ रहो तुम कहीं नहीं जा।।
तेरा मीत बुलाता तुझको।
झटका देना कभी न इसको।।
मन नीरस है अगर नहीं हो।
लगता मन जब पास तुम्हीं हो।।
रहना मेरे साथ सदा तुम।
मेरे प्यारे हो सच में तुम।।
तुझको मैंने मीत बनाया।
केवल तुझको ही अपनाया।।
साथ छोड़ कर कहीं न जाना।
बात करो प्रभु के गुण गाना।।
साहित्यकार ऋतुराज वर्मा