*बाल गीत {बादल अब भी काले और सफेद}*
बाल गीत {बादल अब भी काले और सफेद}
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दुनिया में रंगीन सभी कुछ लेकिन यह ही खेद
आसमान के बादल अब भी काले और सफेद
(1)
हो जाते रंगीन अगर बादल तो मजा बढ़ाते
काले और कलूटे बादल हमको नहीं डराते
कहीं दीखते नीले पीले बादल नभ में छाते
कहीं बैजनी रंगों के बादल दिखते मऀडराते
रंग बिरंगी छतरी में तब लगते अच्छे छेद
आसमान के बादल अब भी काले और सफेद
(2 )
रामू तब कहता मेरे घर नीले बादल आए
श्यामू कहता पीले-पीले बादल मैने पाए
कहीं चमकते हरे-हरे बादल हरियाली लाते
कहीं लाल नारंगी बादल सुन्दर-सुन्दर आते
बादल के रंगों का लेकिन जान न पाते भेद
आसमान के बादल अब भी काले और सफेद
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रचयिता रवि प्रकाश बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451