Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2024 · 1 min read

बाल कविता शेर को मिलते बब्बर शेर

शेर को मिलते बब्बर शेर

बिल्ली बोली म्याऊं म्याऊं
शेर की मैं मौसी कहलाऊँ
चुपके से मैं घर में आती
दूध मलाई चट कर जाती
हैं चूहे मुझसे घबराते
मुझे देख बिल में घुस जाते
बिल्ली मार रही थी डींग
जैसे निकल आये हों सींग

पाया ज्यों ही अच्छा मौका
तभी एक कुत्ता फिर भौका
तुरत फुरत सी बुद्धि जागी
कुत्ता देख के बिल्ली भागी
धरती पर है, ना अंधेर
शेर को मिलते बब्बर शेर।।

डॉ विवेक सक्सेना
नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश)

Language: Hindi
196 Views

You may also like these posts

मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
पिता
पिता
Shweta Soni
आंगन
आंगन
श्याम सांवरा
ज़िंदगी  है  गीत  इसको  गुनगुनाना चाहिए
ज़िंदगी है गीत इसको गुनगुनाना चाहिए
Dr Archana Gupta
"ये इतिहास है"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ तो लोग कहेंगे !
कुछ तो लोग कहेंगे !
Roopali Sharma
🙏 माता रानी की वंदना 🙏
🙏 माता रानी की वंदना 🙏
umesh mehra
खालीपन
खालीपन
sheema anmol
Someone Special
Someone Special
Ram Babu Mandal
" शिक्षक "
Pushpraj Anant
Love
Love
Sanjay Narayan
अगले बरस जल्दी आना
अगले बरस जल्दी आना
Kavita Chouhan
सफलता
सफलता
Raju Gajbhiye
सच तो बस
सच तो बस
Neeraj Agarwal
चाहे बड़े किसी पद पर हों विराजमान,
चाहे बड़े किसी पद पर हों विराजमान,
Ajit Kumar "Karn"
हुनर से गद्दारी
हुनर से गद्दारी
भरत कुमार सोलंकी
ख्वाहिशों के बैंलेस को
ख्वाहिशों के बैंलेस को
Sunil Maheshwari
उमड़ते जज्बातों में,
उमड़ते जज्बातों में,
Niharika Verma
जै हनुमान
जै हनुमान
Seema Garg
जीवन
जीवन
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
कांटे बनकर जो
कांटे बनकर जो
Mahesh Tiwari 'Ayan'
2498.पूर्णिका
2498.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दिल की धड़कन भी
दिल की धड़कन भी
Surinder blackpen
बागक सुख
बागक सुख
श्रीहर्ष आचार्य
*जीवन-नौका चल रही, सदा-सदा अविराम(कुंडलिया)*
*जीवन-नौका चल रही, सदा-सदा अविराम(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दहन
दहन
Shyam Sundar Subramanian
देखकर आज आदमी की इंसानियत
देखकर आज आदमी की इंसानियत
gurudeenverma198
Loading...