बाल कविता — मोबाइल
माँ दिला दो एक मोबाइल
बना लूँगा मैं भी प्रोफाइल।
डाउनलोड मैं एप्प करूँगा
घर बैठे शॉपिंग करूँगा,
मित्रों से मैं चैट करूँगा
गूगल पर मैं सर्च करूँगा,
आजकल का यही स्टाइल
माँ दिला दो एक मोबाइल।
तरह-तरह के गेम खेलूँगा
उसमें लेवॅल हाई करूँगा,
दूध पीते मैं सेल्फी लूँगा
स्मार्ट फ़ोन से सेंड करूँगा,
बना लूँगा उसमें मैं फाइल
माँ दिला दो एक मोबाइल।
यू-ट्यूब पर गीत सुनूँगा
मूवी डाउनलोड करूँगा,
वीडियो खूब बनाऊँगा
ज्ञान अपना बढ़ाऊँगा,
सब सीख बनूँगा वर्सटाइल
माँ दिला दो एक मोबाइल।
माँ दिला दो एक मोबाइल
बना लूँगा मैं भी प्रोफाइल।
रचयिता–
डॉ नीरजा मेहता ‘कमलिनी’