Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2023 · 1 min read

बाल कविता: मेलों का मौसम है आया

बाल कविता: मेलों का मौसम है आया
*****************************
धूप गुनगुनी मन को भाई
हल्की ठंड सुहानी आई (1)

मूँगफली अब अच्छी लगती
टूँग – टूँग कर सब ने खाई(2)

कूड़ा- करकट धूल हट रही
घर – घर देखो शुरू पुताई(3)

रावण मारा रामचंद्र ने
सिया कैद से गयीं छुड़ाई(4)

मेलों का मौसम है आया
मस्ती भीतर -बाहर छाई(5)
*********************
रचयिता : रवि प्रकाश, रामपुर

500 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

3257.*पूर्णिका*
3257.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परीक्षाओं में असफल हुए पुरुष
परीक्षाओं में असफल हुए पुरुष
पूर्वार्थ
गज़ल
गज़ल
सत्य कुमार प्रेमी
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Bad in good
Bad in good
Bidyadhar Mantry
वर्णिक छंद में तेवरी
वर्णिक छंद में तेवरी
कवि रमेशराज
" इकरार "
Dr. Kishan tandon kranti
POWER
POWER
Satbir Singh Sidhu
वसंत के दोहे।
वसंत के दोहे।
Anil Mishra Prahari
कीजिए
कीजिए
*प्रणय*
हाइकु (#हिन्दी)
हाइकु (#हिन्दी)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कभी हमको भी याद कर लिया करो
कभी हमको भी याद कर लिया करो
gurudeenverma198
कविता
कविता
Nmita Sharma
🌼एकांत🌼
🌼एकांत🌼
ruby kumari
जबसे आइल जवानी
जबसे आइल जवानी
आकाश महेशपुरी
“मौन नहीं कविता रहती है”
“मौन नहीं कविता रहती है”
DrLakshman Jha Parimal
नयनों की भाषा
नयनों की भाषा
सुशील भारती
सूरवीर
सूरवीर
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अपने हर
अपने हर
Dr fauzia Naseem shad
- समर्थक जिनके आज हो ताउम्र उनके उनके बने रहो -
- समर्थक जिनके आज हो ताउम्र उनके उनके बने रहो -
bharat gehlot
रिश्ते और साथ टूटना कभी भी अच्छा नहीं है हमारे हिसाब से हर व
रिश्ते और साथ टूटना कभी भी अच्छा नहीं है हमारे हिसाब से हर व
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
*कांटों की सेज*
*कांटों की सेज*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-157 से चयनित दोहे संयोजन- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-157 से चयनित दोहे संयोजन- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
इश्क़ लिखने पढ़ने में उलझ गया,
इश्क़ लिखने पढ़ने में उलझ गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दर्द देह व्यापार का
दर्द देह व्यापार का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
हर राह मौहब्बत की आसान नहीं होती ।
हर राह मौहब्बत की आसान नहीं होती ।
Phool gufran
इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई।
इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई।
लक्ष्मी सिंह
हैं श्री राम करूणानिधान जन जन तक पहुंचे करुणाई।
हैं श्री राम करूणानिधान जन जन तक पहुंचे करुणाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
यह शहर पत्थर दिलों का
यह शहर पत्थर दिलों का
VINOD CHAUHAN
Loading...