बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
दावत अपनी आई है,
भालू की सगाई है,
कपडे पहनो जल्दी जल्दी,
देनी उसे बधाई है।
कच्ची सड़के टेडा रास्ता,
सबसे पहले हुआ नास्ता,
चाट पकौड़ी दूध जलेबी,
रक्खी बहुत मिठाई है।
हाथी गेंदा आये मेहमान,
लोमडी भेड़िया करे सम्मान,
खरगोश बैठा पोथी लेकर,
गीदड़ बना नाई है।
कोट पहनकर भालू आया,
ख़ुशबूदार इत्र लगया,
जूते पहने चमचमाते,
बांधी गले में टाई है।
भालू बैठा पट्टे पर,
टीका लगाया मत्थे पर,
चढ़ी सगाई धूमधाम से,
माँ उसकी मुस्काई है।
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स्वरचित कविता 📝
✍️रचनाकार:
राजेश कुमार अर्जुन