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3 Apr 2024 · 1 min read

बार -बार दिल हुस्न की ,

बार -बार दिल हुस्न की ,
पढ़ता रहा किताब ।
उल्फ़त का हर वर्क था,
उलझा हुआ जवाब ।।

सुशील सरना / 3-4-24

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