बारिश
अभिनंदन,ओ ऋतुओं की रानी,
जो ले आती खुशियों की पानी।
अंतर्मन अभिसिंचित करती,
हर तम को आतंकित करती।
जनजीवन भी चहक उठे,
सोंधी मिट्टी भी महक उठे।
मन को देती सुखद हर्ष,
ये आती है प्रत्येक वर्ष।
।।रुचि दूबे।।
अभिनंदन,ओ ऋतुओं की रानी,
जो ले आती खुशियों की पानी।
अंतर्मन अभिसिंचित करती,
हर तम को आतंकित करती।
जनजीवन भी चहक उठे,
सोंधी मिट्टी भी महक उठे।
मन को देती सुखद हर्ष,
ये आती है प्रत्येक वर्ष।
।।रुचि दूबे।।