बारिश
याद है मुझे वो
बचपन की बारिश!
कागज की कश्ती
बारिश का पानी!
मां के हाथ की भजिया
दादा जी की खटिया
जिस पर बैठ कर करते
हम ढेर सारी बतिया
अब ना रहा वो बचपन
ना बचपन की बारिश
ना रही वो खटिया
ना मिलती स्वादिष्ट भजिया
कल की चिंता और
जिम्मेदारियों के बोझ तले
कट जाते दिन
कट जाती रतिया !