बारिश हो जाये,गर्मी तो बहुत है —आर के रस्तोगी
बारिश हो जाये,गर्मी तो बहुत है |
लोगो के जमीर पर धूल बहुत है ||
लगता है गुलाब सभी को अच्छा |
पर उसके दामन में सूल बहुत है ||
जिन्दगी जीते है लोग अपने हिसाब से |
पर जिन्दगी को जीने के रूल बहुत है ||
किस किस को भूलेगो मेरी भूलो को |
मेरी जिन्दगी में तो भूल बहुत है ||
क्यों तोड़ते है फूल अपनी पसन्द का |
जबकि बगीचे में तो फूल बहुत है ||
आर के रस्तोगी
मो 9971006425