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5 May 2021 · 1 min read

बारिश (वर्तमान परिप्रेक्ष्य)

अब तो
रहमतों की
बारिश कर
मेरे मौला

दामन
सब्र का
सूख गया है
अब तो
फकीर का

संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
1 Comment · 319 Views
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