Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2023 · 1 min read

बारिश में नहा कर

रात बारिश से नहा कर घर को जाती रही
शेष बूंदे बारिश की दिन को भिगाती रही
ठहर खुदमे सिमट नहाती रोशनी में जी भर
गूँजते आसमाँ की आवाजें दिल को भरमाती रही

टपकती पेड़ से बुंदे हवा के तेज झोकों से
टर्र टर्र बोलते मेंढक चर्र चर्र झिंगुरों की आवाजे
कभी कलरव है मोरो का कंही है घोर सनन्नाटे
जो पानी को तरसती थी वो नदिया उफनाती रही

सूखती टहनियों में हैं बचे जो चंद पत्ते रूखे से
बनू फिर कोपल ही डाली की रखी उम्मीद बूंदों से
गिरे जो साख से कबके लगे है सिसकियां भरने
खुद खाक में मिलेने से बढ़ा दू जान पेड़ो की सही

रात बारिश में नहा कर

डॉ एल के मिश्रा

Language: Hindi
1 Like · 207 Views

You may also like these posts

अब वो मुलाकात कहाँ
अब वो मुलाकात कहाँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
..
..
*प्रणय*
पंछी अब तुम कब लौटोगे?
पंछी अब तुम कब लौटोगे?
Dr. Sukriti Ghosh
आकांक्षाएं और नियति
आकांक्षाएं और नियति
Manisha Manjari
इंतज़ार
इंतज़ार
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
//अब इंसान परेशान है//
//अब इंसान परेशान है//
पूर्वार्थ
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*Fear not O man!*
*Fear not O man!*
Veneeta Narula
रक्त दान के लाभ पर दोहे.
रक्त दान के लाभ पर दोहे.
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*वृद्धाश्रम*
*वृद्धाश्रम*
Priyank Upadhyay
वो बचपन था
वो बचपन था
Satish Srijan
अजीब सी बेताबी है
अजीब सी बेताबी है
शेखर सिंह
इस तरह रक्षाबंधन मनायेंगे हम।
इस तरह रक्षाबंधन मनायेंगे हम।
अनुराग दीक्षित
वक्त कि ये चाल अजब है,
वक्त कि ये चाल अजब है,
SPK Sachin Lodhi
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
Mahender Singh
शिकायतों के अंबार
शिकायतों के अंबार
Surinder blackpen
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बच्चों की ख्वाहिशों का गला घोंट के कहा,,
बच्चों की ख्वाहिशों का गला घोंट के कहा,,
Shweta Soni
नियम
नियम
Ajay Mishra
गमन जगत से जीव का,
गमन जगत से जीव का,
sushil sarna
#रिश्ते #
#रिश्ते #
rubichetanshukla 781
3306.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3306.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"बेहतर है चुप रहें"
Dr. Kishan tandon kranti
गीत- पिता संतान को ख़ुशियाँ...
गीत- पिता संतान को ख़ुशियाँ...
आर.एस. 'प्रीतम'
थोड़े योगी बनो तुम
थोड़े योगी बनो तुम
योगी कवि मोनू राणा आर्य
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
डॉ. दीपक बवेजा
मुकेश हुए सम्मानित
मुकेश हुए सम्मानित
Mukesh Kumar Rishi Verma
#घर की तख्ती#
#घर की तख्ती#
Madhavi Srivastava
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
मनोज कर्ण
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
Loading...