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12 Aug 2021 · 1 min read

बारिश का मौसम

बारिश का मौसम

ये रिमझिम बारिश का मौसम प्यारा तिस पर तेरा ये वियोग प्रिये,
इस वियोग से हुआ जीना दूभर कब है मिलने का संयोग प्रिये।

तेरी विरह वेदना लेकर मैं अपना हाल सुनाता किसको,
कौन होता जो सुनता मेरी अपने पास बुलाता मुझको।

इस बारिश के मौसम में प्रिये बनकर फुहार तुम आ जाओ ना,
मौसम तन को भिगो ही चुका है तुम जीवन मेरा महका जाओ ना।

यादें सारी और सारे किस्से मेरे बस तुम पर ही आकर थमते हैं,
इस सावन में हमको ये सब जैसे मिलने को अब तो कहते हैं।

सावन का मौसम जब भी आए प्रिये रहे कोई ना किसी से दूर कभी,
पास रहे हरदम प्यार सभी का ना हो मजबूर कोई मिलने को कभी।

संजय श्रीवास्तव
बालाघाट (मध्य प्रदेश)
9425822488

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