*बारिश आती (बाल कविता/ गीतिका)*
बारिश आती (बाल कविता/ गीतिका)
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(1)
रिमझिम-रिमझिम बारिश आती
फूल खिले, पत्ती मुस्काती
(2)
वर्षा के जल की बूॅंदों से
ठंडी-सी फुहार है छाती
(3)
आकृति इंद्रधनुष की नभ में
बारिश से देखो बन जाती
(4)
पड़ा मूसलाधार धरा पर
जब पानी, धरती थर्राती
(5)
बच्चे निकल घरों से आए
टोली ऊधम खूब मचाती
(6)
बारिश में कागज की नौका
देखें किसकी डूब न पाती
(7)
जिस दिन बारिश होती, उस दिन
छुट्टी रेनी-डे कहलाती
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451