बाबूजी हमार, हिन्दी के हउवं पापा
बाबूजी हमार , हउवं सत्य के किताब
हमरा से अच्छा करेलें हिसाब
तनको जे केहू चिऊं कसेले
सबके अकल उहों टाईट कसेले
मगर दिल के हउवं अच्छा
बात करेले सदा उहो सच्चा
हमार बाबूजी, हिन्दी के हउवं पापा
मन के बारे ऊ अमीर
उनके नेक बा ज़मीर
ना करेले कौनो अइसन काम
ना कहूं और के सीखा वेले
बाबूजी हमार, हिन्दी के हउवं पापा।।
नीतू साह