Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2019 · 1 min read

बाबुल की बगिया की टूटी कली

ममता का सावन बाबुल का आंगन बिरना का संग बहना छोड़ चली।
चलो आओ मिलकर सभीफूल वारे बाबुल की बगिया की टूटी कली।
सभी फूल पत्ती ये वृक्ष लताएं।
खड़ी आज देखो ये आंसू बहाए। अंसुवन लिपटकर सखी आज अपनी छोड़ चली।
चलो आओ मिलकर सभी फूल वारे बाबुल की बगिया की टूटी कली।
बाबुल के देशवा के पक्षी औ बादल और ये हवाएं।
करुण स्वर करेेजवा थाम देती दुआएं।
खुशियों भरी हो नव जीवन की गली।
चलो आज मिल्क सभी फूल बारे बाबुल की बगिया की टूटी कली ।
बाबुल निहारें आज सूनी बगिया।
चार दिन बसेरों करी उरि गई चिड़िया।
जाने कैसी होगी रे खा नाजो से पली ।

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 441 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बड़े दिलवाले
बड़े दिलवाले
Sanjay ' शून्य'
प्रेम
प्रेम
Rashmi Sanjay
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
हिन्दी की मिठास, हिन्दी की बात,
हिन्दी की मिठास, हिन्दी की बात,
Swara Kumari arya
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
निगाहें
निगाहें
Shyam Sundar Subramanian
कम्बखत वक्त
कम्बखत वक्त
Aman Sinha
""बहुत दिनों से दूर थे तुमसे _
Rajesh vyas
एकांत
एकांत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आलेख - मित्रता की नींव
आलेख - मित्रता की नींव
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
Harminder Kaur
सर्दी के हैं ये कुछ महीने
सर्दी के हैं ये कुछ महीने
Atul "Krishn"
दर्द ! अपमान !अस्वीकृति !
दर्द ! अपमान !अस्वीकृति !
Jay Dewangan
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
शेखर सिंह
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
Dushyant Kumar
औलाद
औलाद
Surinder blackpen
■ वक़्त बदल देता है रिश्तों की औक़ात।
■ वक़्त बदल देता है रिश्तों की औक़ात।
*Author प्रणय प्रभात*
"इफ़्तिताह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अंहकार
अंहकार
Neeraj Agarwal
अपनी क़ीमत
अपनी क़ीमत
Dr fauzia Naseem shad
फलक भी रो रहा है ज़मीं की पुकार से
फलक भी रो रहा है ज़मीं की पुकार से
Mahesh Tiwari 'Ayan'
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नज़्म
नज़्म
Shiva Awasthi
पाहन भी भगवान
पाहन भी भगवान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"धोखा"
Dr. Kishan tandon kranti
*पेड़ के बूढ़े पत्ते (कहानी)*
*पेड़ के बूढ़े पत्ते (कहानी)*
Ravi Prakash
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
Raju Gajbhiye
दुकान वाली बुढ़िया
दुकान वाली बुढ़िया
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
हाथी के दांत
हाथी के दांत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
स्टेटस अपडेट देखकर फोन धारक की वैचारिक, व्यवहारिक, मानसिक और
स्टेटस अपडेट देखकर फोन धारक की वैचारिक, व्यवहारिक, मानसिक और
विमला महरिया मौज
Loading...