बाबा साहब एक महान पुरुष या भगवान
!! बाबा साहब एक महान पुरुष या भगवान!!
बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर एक महान पुरुष थे। इसमें कोई दो राय नहीं और नहीं कोई शक है। पर यह कहना कि वह भगवान थे, यह गलत है। क्योंकि भगवान वही व्यक्ति होते हैं जो अजन्मा हो। जो बार-बार जन्म के रुप में अवतार ले सकें। उसे कहते हैं भगवान। मतलब जो जन्म नहीं बल्कि अवतार लिया हो।
रही बात जन्म और अवतार में क्या अंतर है? उसको समझने की। जन्म लेने का मतलब हुआ कि जो मां कोख से जन्म लिया, उनका मृत्यु निश्चित है; जैसे कि हम सबका होता है कि कहीं न कहीं इस धरती पर जलाएं, दफनाएं या किसी कारणवश नदी में प्रवाहित किए जाते हैं। लेकिन अवतार का मतलब किसी मां के कोख से जन्म लेना ही हैं पर नाम मात्र की। क्योंकि वे लोग मां के कोख से जन्म नहीं बल्कि अवतार लेते हैं। मां के कोख से जन्म लेना तो उनका एक बहाना होता है। वास्तव में वह अवतार लेते हैं। अवतार का मतलब कि वह अजन्मा है। उनकी मृत्यु कभी नहीं हो सकती है। बल्कि समय आने पर उनकी वैराग्य हो जाती हैं।
तो इसी तरह भगवान और महान पुरुष में अंतर है; जैसे कि भगवान जब चाहे तब, जिस रुप में चाहे उस रुप में, जिस कोख से चाहे उस कोख से अवतार ले सकते हैं और समय आने पर वह वैराग्य ले सकते हैं। बल्कि महान पुरुष इस धरती पर जन्म लेते हैं और समय आने पर मृत हो जाते हैं। फिर जब अगली बार उनकी जन्म लेने की बारी आती है तो यह उनके पिछले जन्म के कर्म फल पर तय होती है कि अब आप किस योनि में जन्म लेंगे और किस रुप में लेंगे? यहां पर महान पुरुष अपने मन से कुछ भी नहीं कर सकते हैं।
तो इस प्रकार बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर एक महान पुरुष थे। उनका जन्म इस भारत भूमि पर हुआ था और समय आने पर उनकी मृत्यु हुई और वह मृत्यु को प्राप्त हुए।
क्षउदाहरण स्वरुप भारत के 2 महान ग्रंथ है। रामायण और महाभारत। तो उसमें से पहले हम रामायण पर चर्चा कर लेते हैं; जैसे कि आप जानते हैं कि रामायण में एक महान राजा दशरथ थे। उनकी जन्म हुई और फिर समय आने पर उनकी मृत्यु हुई। वह मृत्यु को प्राप्त हुए। उनकी तीन महारानियां थी। तीनों की मृत्यु हुई और वह तीनों मृत्यु को प्राप्त हुई। पर वहीं पर भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता अवतार लेते हैं। उनके (राजा दशरथ) पुत्र एवं बहू के रूप में और वह अंततः वैराग्य को जाते हैं। उनकी मृत्यु नहीं होती है; जैसे कि आप रामायण में पड़े होंगे या टीवी सीरियल में देखे होंगे।
वही दूसरा महान ग्रंथ महाभारत है। उसमे भी जब आप देखेंगे तो भगवान कृष्ण के जो माता-पिता हुए या उनको पालने वाली यशोदा माता हुई। ये सारे लोग जन्म लिए और समय आने पर मृत्यु को प्राप्त हुए। यहां तक की भगवान कृष्ण के सबसे प्रिय शिष्य अर्जुन भी जन्म लिए और मृत्यु को प्राप्त हुए। इसके अलावा जितने भी महाभारत में पात्र थे, सबकी जन्म हुई और मृत्यु को प्राप्त हुए। लेकिन भगवान कृष्ण अंत में वैराग्य हुए।
इन सभी तथ्यों से यह सिद्ध होता है कि बाबा साहब भीमराव रामजी अंबेडकर एक महान पुरुष एवं लेखक थे।
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