बाबा चतुर हैं बच बच जाते
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बाबा चतुर हैं बच बच जाते
जनता मूरख मर मर जाती
बाबा महल बनाते जाते
जनता जेब कटाती जाती
सारे तंत्र हाथ में इनके
सभी बेशरम और हैं निडर
महिमा इनकी कम न होती
बाहर हों या जेल के अंदर
बाबा चतुर हैं बच बच जाते
जनता मूरख मर मर जाती
बाबा महल बनाते जाते
जनता जेब कटाती जाती
सारे तंत्र हाथ में इनके
सभी बेशरम और हैं निडर
महिमा इनकी कम न होती
बाहर हों या जेल के अंदर