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4 Apr 2020 · 1 min read

पीर

नहीं मिलती है किसी से
अलग हर पीर होती है।
इक दूजे से जुदा हरदम
हर इक तकदीर होती है।।

मगर देखा जमाने में
जुदा तस्वीर होती है।
सदा हर बाप-बेटी की
एक तकदीर होती है।।

हर बेटी की किस्मत में
जुदाई बाप से क्यूं है।
हर बाप अपनी बेटी से
होता जुदा क्यों है।।

जुदा तकदीर है तो फिर
ये साझा दर्द क्यूं है।
कर्म फल एक का है तो
दूजा मजबूर क्यूं है।।

यहां मिलती सज़ा किसको
बिछड़ दोनों ही जाते हैं।
अलग कर्मों का फल है तो
सजा इक साथ क्यूं है।।

जुदा हर बाप से बेटी
बता तकदीर में क्यूं है।
टूकडा दिल का करने को
पिता मजबूर क्यूं है।।
=================
” गौतम जैन ”
9866251031

Language: Hindi
2 Comments · 306 Views
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