बापू- तेरी लाडली
बापू तेरी लाडली के लाड़ कोई न करता….
तू थकने पर कंधे पर खूब घुमाया करता,
अब कोई एक गिलास पानी की भी न पूछता,
आँखों मे आँसू झलकते, कोई भी न पोंछता l
बापू तेरी लाडली के लाड़ कोई न करता..
के पीहर, के सासरा,
मेरा न कोई आसरा l
ले जाते मुझे भी संग,
करता नहीं यहाँ मुझे कोई तंग ,
रहते हम दोनों संग- संग l
बापू तेरी लाडली को बहुत सताए तेरी याद…..
मिलने को तड़पे वो तुझसे दिन और रात…
जानकर ये बात, नहीं मिलोगे आप…
लेकिन एक दिन आएगा,
छोड़ के ये सांसरिक मोह,
मैं आपसे मिलने आऊँगी l
रोज़ सुनूँगी नई कहानी ,
कभी अष्टा, तो कभी कैरम भी खेलूँगी l
न मुझे कोई चिंता होगी,
न होगी आपको कोई परेशानी l
बापू- बेटी के प्यार की ईश्वर लिखेगा नई कहानी!!!
मीनू यादव