*”बापू जी “*
“बापू जी”
आज 2अक्टूबर बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि आज दो महान व्यक्ति विभूतियों का जन्मदिन है जिन्होंने सच्चाई के राह पर चलकर अपनी कठिन परिस्थितियों में जीवन गुजारा।
अपने राह आसान बनाते हुए कर्म पथ प्रदर्शक अटल रहे।सत्य अहिंसा परमो धर्म का मूल मंत्र अपनाते हुए जनमानस पटल पर भी छाये रहे।महात्मा गांधी जी महान व्यक्तिव वाले महापुरुष थे जो देश को अंग्रेजों की गुलामी के बंधन से मुक्त करवाया था और आज हम सभी देशवासी आजादी जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
दूसरे महान व्यक्ति लाल बहादुर शास्त्री जी ने भी देश के लिए महान कार्य किया है और देश को यह सटीक नारा दिया था।
“जय जवान जय किसान”
यह नारा दिया था।
प्रमुख रूप से हम इन महान व्यक्तियों को उनके जन्मदिवस पर याद तो कर लेते हैं लेकिन उन महान व्यक्तियों से क्या सीखा क्या क्या ज्ञान की प्राप्ति हुई है और देश के लिए क्या कार्य किया देश के विकास के लिए आगे चलकर उचित समय पर मार्गदर्शन किया है। यह हमारे जीवन में उन महान व्यक्ति के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि देने का मकसद होना चाहिये।
हम सिर्फ जयंती समारोह मनाते हुए उनको याद करके ही नहीं उनके दिए गए ज्ञान व कार्य को हमने अपने जीवन में कितना अमल किया है यह ज्यादा मायने रखता है।
हम देशवासियों की एक आदत बन गई है कि उनके तिथियां के दिन जयंती समारोह मनाकर दरकिनार कर दिया जाता है।उस दिन फूल मालाओं से सुसज्जित कर उनके आगे हाथ जोड़कर नमन कर लेते हैं। वैसे तो हर महिने किसी न किसी की महान व्यक्ति की जयंती समारोह मनाई जाती है।हम सभी जुड़ते ही जाते हैं उस दिन उन्हें याद करके फूल मालायें श्रद्धा सुमन अर्पित कर देते हैं और एक दूसरे को मैसेज भेज देते हैं।बस दिवस मनाया फुर्सत हो गए ये तो सही नही है इस दौरान हम मूल रूप से बहुत कुछ खोते जा रहे हैं जैसे हम मृगतृष्णा में पड़े हुए हो जैसे हम किसी के प्रति अपनी ढेर सारी खुशियाँ देखते हैं लेकिन जबकि वो मात्र छलावा ही रहता है इसके अलावा कुछ भी नही सिर्फ दिखावा झलकता है।
महान व्यक्ति की जयंती समारोह सिर्फ याद करना ही हमारा धर्म है जो लोगों के मर्मभेद पहचान कर अंर्तमन में जागरूकता अभियान लाने का प्रयास करें ।
बापू जी के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए खरे उतरते हुए उनको सच्चे दिल से स्मरण करने का सही तरीका है।आज के युवा वर्ग नई पीढ़ी अगर उनकी बातों को अमल में लाये उचित मार्गदर्शन में देश के विकास की ओर आगे बढ़ते जाएं।
देश के सभी लोग देशवासियों को जागरूक कर एक दूसरे का सहयोगी बनें।
महात्मा गांधी जी की प्रेरणादायक सिद्धान्त हमारे लिए मार्गदर्शन है जो पवित्र प्रेरक प्रसंग है।
सत्य अहिंसा ,स्वालम्बन ,सत्याग्रह के आत्म निर्भर बनने व स्वतंत्र विचारों से दूसरों को प्रेरित करते रहे देशवासियों को सही तरीके से रास्ता दिखाया।
ऐसा भारत जहां हर एक नागरिक स्वतंत्र स्वालम्बी बने समाज में एक दूसरे का सहयोगी बनें।
गांधी जी के विचारों का प्रवाह सदा बना रहे ताकि हम गांधी जी के प्रसंगों व प्रासंगिता के बीच हम अनुसरण करें।
गांधी जी के ये सी सिंद्धान्त हमें मानवता की रक्षा करने के लिए हमारा मार्गदर्शन करते रहते हैं।
गांधी जी द्वारा दिखाये गए रास्ता को बेहतर तरीके से विश्व के निर्माण कार्य में प्रेरक सिद्ध हो सकता है।
जब तक हमें गांधी जी के विचारों से ओतप्रोत रहेंगे उनके विचारों से अवगत होते हुए प्रेरणादायक बनते रहेंगे।
बापू जी स्वच्छता अभियान को सर्वोपरि मानते थे स्वयं साफ सफाई व्यवस्था देखते थे और लोगों को भी जागरूक करते थे।
स्वच्छता अभियान से सेहत भी अच्छी रहती है और वे चाहते थे कि देशवासियों को स्वस्थ रहने के लिए अपने आसपास साफ सफाई रखना बेहद जरूरी है।
देश का हर नागरिक स्वस्थ रहे स्वालम्बी बनें सत्य ,अहिंसा के राह पर चले उनका सिद्धान्त यह था कि सभी स्वस्थ हो और वसुधैव कुटुम्बकम पर विश्वास रखते थे अर्थात यह उदार हृदयभाव से सभी लोगों को अपना ही मानना संपूर्ण भारत ही अपना परिवार है यह सिंद्धान्त को मानते थे।
गांधी जी का जीवन सरल स्वस्थ निरोगी काया के प्रति जागरूक व देश के लिए अपना देह समर्पित कर दिया था।
उनका नारा था “आराम हराम है”
जय हिंद वन्देमातरम