बाद में शख़्स वो मुस्कुराया बहुत
ख्वाब में जा के उसको सताया बहुत
इस तरह वक़्त हमने गंवाया बहुत
ज़िंदगी आजमा ले तू जी भर मुझे
मैंने भी तो तुझे आजमाया बहुत
था पराया जो अपना सा लगने लगा
अपना समझा जिसे था पराया बहुत
मंजिलें अपना चेहरा बदलती रहीं
साथ रस्तों ने लेकिन निभाया बहुत
काट कर हम जिसे खा गए बेवजह
मरने से पहले वो तड़फड़ाया बहुत
सामने ग़मज़दा था जो ग़म में मिरे
बाद में शख़्स वो मुस्कुराया बहुत