बाद तेरे
इतनी कोशिश की हमने पर हमें हासिल न हुआ
वो सफ़र बनके रह गया कभी मंज़िल न हुआ।
हमने इस दिल को बना डाला बसेरा-ए-खिज़ा
बाद तेरे कोई इसमें कभी दाख़िल न हुआ।
-Johnny Ahmed ‘क़ैस’
इतनी कोशिश की हमने पर हमें हासिल न हुआ
वो सफ़र बनके रह गया कभी मंज़िल न हुआ।
हमने इस दिल को बना डाला बसेरा-ए-खिज़ा
बाद तेरे कोई इसमें कभी दाख़िल न हुआ।
-Johnny Ahmed ‘क़ैस’