बाद के लिए कुछ मत छोड़ो
बाद के लिए कुछ भी मत छोड़ो
बाद के लिए कुछ भी मत छोड़ो,
क्योंकि बाद में लोग बड़े हो जाते हैं।
वो हँसी के पल, वो खेल-कूद के मज़े,
सबके सब बीते कल में रह जाते हैं।
बाद में शब्द अनकहे रह जाते हैं,
उन भावनाओं की गहराई खो जाती है।
दिल की बातें, जो कहनी थीं अब तक,
वो कहानियाँ सिर्फ किताबों में रह जाती हैं।
बाद में आपकी रुचि खत्म हो जाती है,
वो जोश, वो उत्साह धीमा पड़ जाता है।
जो काम आज करना था पूरे दिल से,
वो काम आधे अधूरे ही रह जाता है।
बाद में अवसर हाथ से निकल जाते हैं,
सपने जो संजोए थे, वो बिखर जाते हैं।
जीवन की दौड़ में, हम खो जाते हैं कहीं,
वो मौके, वो क्षण बस छूट जाते हैं वहीं।
बाद में दिन रात में बदल जाता है,
समय की रफ्तार से कुछ भी नहीं बच पाता है।
हर सुबह नई उम्मीदें लेकर आती है,
पर वो सपने फिर भी धुंधले हो जाते हैं।
बाद में आपको कुछ न कर पाने का पछतावा होता है,
दिल में दर्द और आँखों में आँसू रहता है।
जो कदम उठाने थे पहले ही,
वो खामोशी की चादर ओढ़ लेते हैं।
बाद में जिंदगी बीत जाती है,
हर पल जैसे रेत की तरह फिसल जाती है।
वो हँसी, वो बातें, वो प्यार भरे पल,
सब बस यादों की गहराई में खो जाते हैं।
और आपके पास मौका था,
जीवन को जीने का, उसे संवारने का।
पर आपने उसे बाद के लिए छोड़ दिया,
और वो बाद, बस बाद ही रह गया।
इसलिए बाद के लिए कुछ भी मत छोड़ो,
हर पल को पूरी तरह से जी लो।
क्योंकि जीवन तो बस एक बार मिलता है,
और हर क्षण को संजोने का, बस यही मौका होता है।
बाद में कुछ भी अधूरा न रहे,
आज ही पूरी शिद्दत से सब कुछ करो।
फिर न पछताना पड़े, न कोई अफसोस रहे,
हर पल को भरपूर जियो, और सब कुछ अभी कर लो।
ये जीवन है, इसका हर लम्हा अमूल्य है,
इसमें कोई भी पल बर्बाद न होने दो।
जो भी सपने हैं, जो भी इच्छाएँ हैं दिल में,
उन्हें पूरा करने का कोई मौका हाथ से न जाने दो।
बाद के लिए कुछ भी मत छोड़ो,
क्योंकि बाद में बहुत देर हो जाती है।
और जिंदगी के इस सफर में,
हर कदम पर बस यादें ही रह जाती हैं