बादल
आओ बादल, आओ बादल
गर्मी दूर भगाओ बादल
सुखी हुई जमीन पर बरसाओ बादल
और उसको हरियाली बनाओ बादल
किसानों को लाभ पहुंचाओ बादल
आओ बादल, आओ बादल।
आओ बादल, आओ बादल
सुखी हुई नद, तालाबों को
फिर से भरकर करदो
जनकल्याण का काम,
और लोगों की नजरों में तुम
बन जाओ फिर से महान।
आओ बादल, आओ बादल
तुम क्यों इतना, इठलाते हो
थोड़ा बरसकर, गर्मी भगाकर
किसानों के खेत पटाकर,
फसलों का कर दो कल्याण
आओ बादल, आओ बादल।
जाओ बादल, जाओ बादल
इतना मत बरसाओ बादल
तुम्हारे इतने बरसाने से
कहीं बाढ़ न आ जाए
कहीं जनजीवन अस्त-व्यस्त न हो जाए
कहीं किसानों के फसल डूब न जाए
जाओ बादल, जाओ बादल।
अब छोड़ो ये ज़िद तुम अपना
रहने दो किसानों का सपना
उन्हें न इतना सताओ बादल
जाओ बादल, जाओ बादल।