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3 Aug 2021 · 1 min read

बादल आषाढ़ के

कुदरत ने भी चित्रकला का
नमूना आसमान पर दिखा दिया
महीना ये आषाढ़ का आया
बादलों ने फिर डेरा डाल दिया।।

ज्यादा गरजते भी नहीं
ये बादल बस बरसते हैं
सुनकर कूक कोयल की
प्रेमी मिलने को तरसते हैं।।

नाचते है मोर जंगल में
इस बरसात के मौसम में
छा जाती जब काली घटा
इस बरसात के मौसम में।।

बरसते है धरा पर जब
आषाढ़ के ये काले बादल
लगता है कितने बेताब थे
मिलने को धरा से ये बादल।।

धरा में भी ताज़गी आ गई
नहला गए उसको जब ये बादल
ले आए दुनिया में हरियाली
मिल गए धरा में जब ये बादल।।

Language: Hindi
10 Likes · 1 Comment · 470 Views
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