बादलों से बिछड़ कर बूंदे भी रोई होगी
बादलों से बिछड़ कर बूंदे भी रोई होगी
उसने अपनी पहचान इस क़दर खोई होगी
ना जाने कौनसा सुकून पाना था जो खुद को खो दिया
ऐसा क्या पाना था जो दिल ये रो दिया।
बादलों से बिछड़ कर बूंदे भी रोई होगी
उसने अपनी पहचान इस क़दर खोई होगी
ना जाने कौनसा सुकून पाना था जो खुद को खो दिया
ऐसा क्या पाना था जो दिल ये रो दिया।