बादलों की उदास…
बादलों की उदास आँखों में, दर्द की इक नयी कहानी है
ग़ौर से देखिए तो आँसू है, वर्ना बरसात का ये पानी है
काँपते होंठ कह रहे थे कुछ, झुकी पलकों पे इक समन्दर था
मुड़ के इक बार तो देखा होता, ‘असीम’ वो तेरी दीवानी है
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’