बात
तुमने जब ये कहा,
नही,कोई बात नही!!
तो फिर बहुत सारी बातों
से पूछताछ लाजिमी
हो गई।
कि किस बात ने
किस बात को
क्या कहा?
कयूं कहा?
कैसे कहा?
और कब कहा?
कौन सी बात
कब बेलगाम
हुई?
कि बात अब,
” नही,कोई बात नही”
तक आ पहुँची है।
इस तहकीकात
मे
अब तुम्हारे भी
शामिल
होने का वक़्त
आ गया है।
मेरे और तुम्हारे
रिश्ते की खातिर।