बात
आधार छंद- सूर
मापनी युक्त वर्णिक सात वर्ण
मापनी- गागाल गागागा ल
ध्रुव शब्द-#बात
पिंगल सूत्र- तमल (तगण मगण ल)
कैसे मिलेगी ताल।
साथी हुआ बेहाल।।
बोलो न तीखी बात।
जो दे रही हो घात।।
है मौन क्यों उल्लास?
भूला नहीं संत्रास।।
गाओ पुराने गीत।
रूँठे नहीं हैं मीत।।
खोते नहीं जो शान।
पाते वही हैं मान।।
मानो कभी न हार।
जो प्रेम है स्वीकार।।
कोई नहीं है राज़।
सूने पड़े हैं साज़।।
टूटे हुए हैं तार।
बेकार की है रार।।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी (उ. प्र.)