रात कटी जइसन-जइसन
रात कटी जइसन-जइसन
बात हुयी वइसन-वइसन
शरमाये लोग लुगाई
प्यार करैं अइसन-अइसन
पंख लगी तो प्रीत बरे
अग्नि जरे तइसन-तइसन
खोपरिया घूम गइल बा
घात मिली कइसन-कइसन
प्रेम सभै कुछ, हम जाने
लोग करैं पइसन-पइसन
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रात कटी जइसन-जइसन
बात हुयी वइसन-वइसन
शरमाये लोग लुगाई
प्यार करैं अइसन-अइसन
पंख लगी तो प्रीत बरे
अग्नि जरे तइसन-तइसन
खोपरिया घूम गइल बा
घात मिली कइसन-कइसन
प्रेम सभै कुछ, हम जाने
लोग करैं पइसन-पइसन
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