बात बात में : फ्रक
बात -बात में : फ्रक
एक रमेश नाम का लड़का था, जो अपने परिवार के साथ कई दिनों से विदेश में रहता था, उसका जन्म भी विदेश में ही हुआ था। अचानक एक दिन उसके पिताजी फोन पर बात करने के बाद बोलते हैं। हम सबको तुरंत अपने गांव की ओर रवाना होना होगा । फिर रमेश पूछा पापा , क्यों गांव में क्या है । उनके पापा बोले तुम्हारे दादा और दादी गांव में ही रहते हैं । जाने का तैयारी पूरा हो चुका था । रमेश बहुत खुश था, यह सोच कर कि दादी माँ का कहानियाँ ,अब तक तो किताब में ही पढ़े थे । गाँंव जाकर सच में दादी माँ से बहुत कहानियां सुनेंगे । 1 दिन बाद लड़का अपने परिवार के साथ गाँव पहुँचा । वहाँ उसके दादाजी बीमार थे। बिस्तर पर लेटे दादा जी बोल रहे थे, “भगवान हमें ले चलो ” -“भगवान हमें ले चलो”। लड़का अपने दादी से पूछा – दादा जी भगवान हमें ले चलो क्यों बोल रहे है ? दादी बोली उनको बहुत पीड़ा हो रहा है और वह मरने के बाद स्वर्ग जाना चाहते हैं । स्वर्ग जाने के लिए जान देना पड़ता है । उसी रात उनका देहांत हो जाता है। फिर कुछ दिन बाद लड़का अपने शहर पहुँचता है । रमेश धीरे-धीरे बड़ा हो जाता है, अचानक एक दिन रमेश के घर उसके पिताजी का दोस्त आते हैं । रमेश से पूछा- बेटा तुम क्या बनना चाहते हो? लड़का बोला डॉक्टर बनना है। फिर वह व्यक्ति बोलते है ,तब तो तुम्हें जी-जान देना होगा । रमेश को दादी जी का बात याद आ गया । लड़का सोचने लगा और चुप हो गया ।”जान देना होगा” रमेश अपने माँ के पास गया और सारी बात बताया । तब माँ समझाया वह व्यक्ति का कहने का तात्पर्य है कि तुम्हें बहुत मेहनत करना होगा ।