‘बात बने’
दोबारा कभी
तुम जो मुस्कराओ तो बात बने।
हमसे कभी
मिलने आओ तो बात बने।
अंधेरे में नहीं
उजाले में मिलने आओ तो बात बने।
गैर समझ कर नहीं
अपना समझ सताओ तो बात बने।
करीब हो
पर दूरियाँ मिटाओ तो बात बने।
दोबारा कभी
तुम जो मुस्कराओ तो बात बने।
हमसे कभी
मिलने आओ तो बात बने।
अंधेरे में नहीं
उजाले में मिलने आओ तो बात बने।
गैर समझ कर नहीं
अपना समझ सताओ तो बात बने।
करीब हो
पर दूरियाँ मिटाओ तो बात बने।