“बात दिल में छुपी जो जताया करो।”
बात दिल में छुपी जो जताया करो,
यूँ न हमको कभी आजमाया करो।
न छुप-छुप के देखो मुझे गौर से,
कभी तो सामने आ भी जाया करो।।
क्यूँ नजरें चुराते हो मुंह मोड़कर,
कभी नजरों से नजरें मिलाया करो।
बात दिल में छुपी जो बताया करो,
यूँ न हमको कभी आजमाया करो।।
क्यों गुमसुम से बैठे हो,मायूस हो,
फूलों की तरह मुस्कुराया करो।
बात दिल में छुपी जो जताया करो,
यूँ न हमको कभी आजमाया करो।।
✍️ निकेश कुमार ठाकुर
सं० -9534148597