बात तो बहुत कुछ कहा इस जुबान ने।
बात तो बहुत कुछ कहा इस जुबान ने।
पर राज की बात अंदर ही दब गए।
आंखो से देखा और सुन भी चुका था।
जब बात मेरे दिल की निकली।
तो तू किसी और की निकली।
धोखे में रखा इसका हमे गम।
मुझे झूठ मूठ का अपना रखा था।
फिर तुमने क्यों किसी और का होके।
RJ Anand Prajapati