बात जज़्बात की
शब्द कह सकते नहीं, बात हर जज़्बात की
दिल ही दिल की जानता है, द़ेष हो या प्यार की
विन कहे आंखें बता देतीं हैं सब
किसके दिल में प्यार है, नफरत है कब
खुशी है या गम चेहरे पर झलकता है
जज़्बात से इंसान का चेहरा बदलता है
दिल में जो जज़्बात हैं, चेहरे पर झलकता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी