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19 Jun 2021 · 1 min read

बात कह नही पाऊँ

बात कह नहीं पाऊँ (गज़ल)
**********************

देख लूं प्रिया मन भर भर के,
आप जो मिले हो मर मर के।

धीर था धरा दिल मे अब तक,
देख भी लिया है जल कर के।

आह सी भरी उर ने धड़ तक,
प्यार भी किया है सिर धर के।

जान जां सदा है तेरी तन में,
हाल है यही बस इस गर के।

हाल है बुरा मनसीरत का,
बात कह नहीं पाऊँ डर के।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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