बात करो
इस दुनिया की
बात मत करो
चांद सितारों की करो
फूलों की,
बहारों की करो
यूं तो पतझड़ भी है
जरूरी पर
आज तो बस आसमान से
बरसती बारिश की फुहारों की
करो
अमुवा की डाली पे पड़े
झूलों की
तनहाइयों को तोड़ती
शहनाई की गूंज सी
किलकारियों की करो
आज बस
इस कायनात में
बिखरे रूप के सौंदर्य की
बात करो
आज एक बरसों बाद
मिले उपवन की
उसके गले लगते
किसी बिछड़े हुए
पेड़ से दोस्त की
जो चलकर उसके पास
आया है
उसकी डाल पर लटकती
शाखों की
उसकी लटों में उलझे
एक फूल की
उसकी खुशबू से
महकते दिल के
मधुबन की बात करो
एक छज्जे के कोने में लगे
मधुमक्खी के छत्ते से
चिपकी मधुमक्खियों को
छोड़ो बस
उनकी जुबान से टपकते
शहद की मिठास सी
रसभरी
दिल मोहने वाली
दिल में उतरने वाली
दिल को समझने वाली
बातों की
बात करो।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001