बात इश्क की
ये इश्क ही तो है जो
दुनिया चला रहा है
सोए रहते थे जो जीवनभर
उनको भी जगा रहा है।।
देखकर प्रियतम की आंखें
उनमें खो जाता है तू
कुछ तो इश्क में जादू है
जो उसका हो जाता है तू।।
ताकत है इश्क में बहुत
ये तो हम सब जानते है
हो जाए इश्क जिससे बस
उसे ही अपना मानते है।।
जो दोस्तों के संग रहे हमेशा
अकेले में सुकूं पाते है
दोस्तों को भी नहीं बताते वो
जब मिलने उनसे जाते है।।
दो दिल एक कर देता है इश्क
दिलों को नेक कर देता है इश्क
आपको पता भी नहीं चलता
और दिल को चुरा लेता है इश्क।।
जो कहते है आग का दरिया इसे
शायद नहीं जानते है वो
इश्क तो चांद की तरह शीतल है
ये भी नहीं मानते है वो।।
जिसने इश्क किया है
जिसने भी इस दरिया को छुआ है
बस वही जानता है ये
इश्क तो ऊपर वाले की दुआ है।।
रुकावट बने इश्क में कोई
ये इश्क कैसी आग लगाता है
जहां पला बढ़ा जवानी तक
उस घर को भी छोड़ जाता है।।
ये कैसा इश्क है जो
मिलने के बजाए बिछड़ने पर
मजबूर कर देता है
इश्क को पाने के लिए
उनको ये दुनिया छोड़ने पर ही
मजबूर कर देता है