बातों से उसके आपका भी दिल दुखा है क्या?
बातों से उसके आपका भी दिल दुखा है क्या?
मैंने सहा जो रंज वह तुमने सहा है क्या?
❤️
लेकर चराग निकला हूं आंधी के मुकाबिल।
तुम मुझसे पूछते हो मेरा हौसला है क्या?
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पलकों के सारे ख्वाब सिमट कर ही रह गए।
साया भी साथ छोड़ दे वह मरहला है क्या?
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लिखता हूं तेरा नाम मिटाता हूं बार-बार।
मेरे मोहब्बतों की कोई इंतिहा है क्या?
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जाकर मोहब्बतों के समंदर में एक शख्स।
वापस नहीं लौटा है वहीं खो गया है क्या?
❤️
बेताब है सगीर यह दिल बेकरार है।
चैन और सुकून की कोई दवा है क्या?
❤️❤️❤️❤️❤️❤️
डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी
खैरा बाजार बहराइच यू पी