बातें
सपनो मे बेतकल्लुफी से
जो आ जाते हो तुम।
नीद मे सोये हुये को हक जता,
उठाते हो तुम ।।
कहाँ से लाते हो
इतनी बातों का पिटारा तुम।
हकीकत के सब शिकवे
दूर कर जाते हो तुम।।
सपनो मे बेतकल्लुफी से
जो आ जाते हो तुम।
नीद मे सोये हुये को हक जता,
उठाते हो तुम ।।
कहाँ से लाते हो
इतनी बातों का पिटारा तुम।
हकीकत के सब शिकवे
दूर कर जाते हो तुम।।